ॐ नमः शिवाय:-
किसी वास्तु को देखने पर उस वास्तु को बनाने वाले की तरफ दृष्टि जाना बुद्धिमानी है | कुम्हार के बिना घड़ा, चित्रकार के बिना चित्र नहीं बनता | इसी तरह यह जो संसार है दीखता है , इसे बनाने वाला भी कोई है |
अनेक ऐसी चीजें है जो हमें दिखाई नहीं देती, किन्तु उनका अस्तित्व अवश्य अनुभव होता है | इसीलिए यह आवश्यक नहीं है की जो हमें दिखाई दे, उसी को माना जाये | जैसे बिज से वृक्ष बनता है तो बिज में शक्ति कहाँ से आयी ? ईश्वर नहीं है, ऐसा कहना मुर्खता की बात है |
ईश्वर नहीं है तो क्या आप सबकुछ जानते है ? बोले तो विचारपूर्वक बोलना चाहिए | पुत्र-पिता की परम्परा को देखें तो आखिर पिता कौन है ? सबसे आखिर चीज भगवान् है |
सर्वत्र ईश्वर की शक्ति है
Rambabu, Thursday, August 19, 2010
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
Comments :
Post a Comment