जो क्रोध के मारे आपे से बाहर है वह मृत्यु तुल्य है, किन्तु जिसने क्रोध को त्याग दिया है, वह संत के सामान है ! मधुर वाणी हो तो सब वश में हो जाते है, वाणी कटु हो तो सब शत्रु बन जाते है ! सुखी होना चाहते हो तो सुख को बांटना सीखो, विद्या की तरह सुख भी बांटने से बढ़ता है !

अद्धभुत चमत्कार- साक्षात् दर्शन करें बाबा भोलेनाथ,पार्वती संग गणेश जी व काली जी

ॐ नमः शिवाय -आज हम अपने साथ आपको अपने पैत्रिक गाँव की सैर कराना चाहेंगे | मैं विहार के मधुबनी जिला में एक छोटा सा गाँव मधेपुर के निवासी हूँ |

यह मिथिलांचल में है जो विदेही माता सीता के नाम से प्रसिद्द है | क्यूंकि इन्ही पावन धरती पर जनकनन्दनी माता सीता जी अवतरित हुई थी | ऐसे ही कई चमत्कार हमारे इस धरती पर हो चुके है |
आज फिर से हम एक अद्धभुत चमत्कार की बात करेंगे जो हमारे गाँव में कुछ साल पहले यानि की 20 अगस्त 2007 दिन सोमबार दोपहर के करीब 1 बजे गाँव के दक्षिण दिशा में घटित हुई |

थोड़ी से जानकारी आपको अपने गाँव के दक्षिण दिशा के बारे में बताते है - दरअसल वहां एक स्थान है जो नाग डीह के रूप जाना जाता है | कई लोगों ने वहां पर आते जाते नाग और नागिन के जोड़े को एक साथ देखा है | परन्तु कभी भी सर्प ने गाँव के लोगों को किसी भी तरह से नुकसान नहीं पहुंचाया |

अब हम आपको घटना के करीब ले जाते है- सोमबार का दिन था , हर रोज के तरह गाँव में समान्य हलचल , किसान अपने अपने काम को सुबह सवेरे खेतों की जुताई वगैर करके अपने अपने घर जा चुके थे | करीब 1 बजे की घटना है, जब खेतो में इक्के-दुक्के लोग होते है |

अब जहाँ पर नाग डीह हुआ करता था वहां भी किसान ने अपने खेत की जुताई करके जा चुके थे , अचानक उस स्थान से भयंकर हुंकार भरी आवाज आने लगी | पहले तो लोगों को यह समझ नहीं आया की आखिर ये आवाज कहाँ से आ रही है | लेकिन एक छोटा सा बालक जिसका जाम है अजित , वहीँ पर कीचड़ में मछली पकड़ने के लिए खेतों के इर्द-गिर्द चक्कर लगा रहे थे |

घटना के कुछ देर पहले भी वहां घास लेकर जा रही ग्रामीण महिला ने नाग और नागिन के जोड़े को एक साथ विचरण करते देखी थी | हुँकार सुनकर पहले तो बच्चे ने भागने का प्रयत्न किया परन्तु वो किसी भंवर जैसे बनी एक गड्ढे में फंस गया | जहाँ से बहुत बड़ी मात्रा में पानी का फब्बारा निकल रहा था और वो जमीं के अन्दर जाने लगा था |

बालक अजित का उम्र मात्र आठ साल का था और बड़ी तेजी के साथ उस भंवर के अन्दर समता जा रहा था | बच्चे अपनी जान बचाने के लिए जोर-जोर से चिल्ला रहा था | यह समाचार गाँव में चौ तरफ़ा जंगल की आग के तरह फ़ैल गई और सबके सब ग्रामीण उस स्थान पर एकत्रित हो गया |


ठीक उसी समय एक औरत अपने जानवर के चारा लेकर आ रही थी | उस दृश्य को देखकर वो बोलने लगी - अरे जाने दे इसे , कुछ नहीं होगा थोड़ी देर में वापस आ जायेगा | पर ग्रामीण लोग ने अनसुना करके पहले जल्दी से बालक को ऊपर खीच लिया | फिर सोचा ये हुँकार भरी आवाज का क्या करें ? जिससे ग्रामीण बहुत ज्यादा डरा, सहमा सा महसूस कर रहे थे |

कुछ लोग फाबरा व कुदाल लेकर उस जगह की खुदाई करने लगा | यह देखकर फिर वहीँ औरत बोल पड़ी - मत कर खुदाई, कुछ देर बाद ये आवाज भी बंद हो जाएगी और कुछ चमत्कार भी होगी घड़े के रूप में , छोड़ दे ये सब के सब मात्र दो घंटे के अन्दर हो जायेगा |

परन्तु ग्रामीण ने फाबरा व कुदाल खुदाई चालू किया तो पता चला एक बड़ा सा घड़ा है और उसी में से गंगा जल के स्वरुप निर्मल जल का फब्बारा निकल रहा था | और वो जैसे ही वो घड़ा लोगों के सामने दिखने लगे तो वो गर्जना जो थी बिलकुल शांत हो गई |इस तरह से बालक अजित के जान बख्श देने के लिए लोगों ने बाबा भोले नाथ का जय जयकार किया |
ऐसा अद्धभुत चमत्कार हमने पहली बार सुना और देखा था | अद्धभुत मुर्तिया जो अपने साथ त्रिशूल,बाबा भोलेनाथ,माता पार्वती के संग गणेश जी और एक मूर्ति अलग से मिली जो की माता काली की है |


इस तरह से हुआ अद्धभुत चमत्कार | और भी आगे है जिसके बारे में आगे चर्चा करेंगे ------------------------ तो इन्तेजार कीजियेगा अगले भाग का जो जल्द ही आपके समक्ष लायेंगे और साक्षात दर्शन करायेंगे भगवान् भोलेनाथ और उनके परिवार से |

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