जो क्रोध के मारे आपे से बाहर है वह मृत्यु तुल्य है, किन्तु जिसने क्रोध को त्याग दिया है, वह संत के सामान है ! मधुर वाणी हो तो सब वश में हो जाते है, वाणी कटु हो तो सब शत्रु बन जाते है ! सुखी होना चाहते हो तो सुख को बांटना सीखो, विद्या की तरह सुख भी बांटने से बढ़ता है !

अद्धभुत चमत्कार- साक्षात् दर्शन करें बाबा भोलेनाथ,पार्वती संग गणेश जी व काली जी-1


ॐ नमः शिवाय :- एक बार पुनः आपको अपने साथ अपने गाँव के पावन धरती पर ले जाते है जहाँ साक्षात् शिव सपरिवार अद्धभुत रूप में अवतरित हुए है | जैसा की मैं पहले घटना के बारे में बता चूका हूँ इसके आगे जो हुआ उसके बारे में अब जानकारी आपसे बांटना चाहेंगे |

हलकी वारिस हो रही थी गाँव के लोग उस नाग डीह पर एकत्रित हुए और किसी को भी बिश्वास नहीं हो रहा था की आखिर एक के बाद एक यह क्या हो रहा है ? दरअसल जब एक विशाल कलश मिला ठीक उसी समय में उसके सामने एक और विशाल कलश मिला | जब उसकी ओर जाने लगे तो वो औरत फिर बोल पड़ी - मैं साक्षात् भगवती हूँ , मेरी बात मान और इसकी खुदाई मत कर , मैं अपने परिवार के साथ यहाँ रह रही हूँ --

परन्तु गाँव के लोग उनकी बातों को अनसुना कर दी और खुदाई जारी रखी | माँ भगवती नाराज हो गई और बोली अगर तुम गाँव के सारे लोग एक साथ मिलकर भी इस कलश को हिला सको तो मैं मान जाऊं | इस तरह से कई लोग मिलकर कोशिस किया परन्तु कलश बिलकुल पाने स्थान से टस-से मस नहीं हो सका | ठीक थोड़ी ही देर में उसी घड़ा ( कलश ) से एक चमत्कार हुआ माता काली के रूप में धातु की बनी मूर्ति निकली |


इस तरह से भगवती माता की आपर शक्ति को सभी श्रद्धालु ने अपनी आँखों के सामने देखकर अविभूत हो गए और सब ने जयकारा लगाने लगे " माँ भगवती की जय " | उनकी अलौकिक शक्ति और चमत्कार को लोगों ने श्रधा से नमन किया |


परन्तु गाँव के कुछ लोगों ने जो घटना उपरांत आये थे और आँखों से कलश उठाने वाला दृश्य नहीं देख पाए थे , वह भक्त जन कहने लगे की अगर आप सचमुच में भगवती महामाया है और आप अपने परिवार के साथ यहाँ इस स्थान पर विराजमान है तो आप साक्षात् प्रकट होकर दिखाइये | भक्तों पुकार को माता ने नहीं ठुकड़ा सकी और अंधविश्वास को दूर करने के लिए 23 अगस्त 2007 दिन गुरुबार के सुबह भगवान् भोलेनाथ , माता पारवती एवं पुत्र श्री गणेश जी तीनो देब्ताओं एक साथ एक ही प्रतिमा में प्रकट हुए एवं माँ काली जी एक अलग प्रतिमा में प्रकट हुई |

इस तरह से एक साथ अनेक देवी देवताओं को चमत्कारी ढंग एक साथ प्रकट होने की खबर जंगल में आग की तरह फ़ैल गई | चारों दिशाओं से हजारों-हजारों श्रधालुओं का उस स्थान पर एकत्रित होना शुरू हुआ और वारिस के मौसम में भी लोगों की भीड़ लगातार बढती गई |


इस तरह की सुचना प्रशासन को भी मिली | सुचना मिलते ही कलुआही थाना प्रभारी अपने सिपाहियों के साथ उस स्थान पर आये जहाँ पर भगवान भोलेनाथ साथ अवतरित हुए थे |

थाना प्रभारी ने अपने सिपाही को आदेश दिया जाओ और भगवान भोले नाथ का मूर्ति को उखाड़ कर लाओ |जैसे ही मूर्ति को सिपाही ने छूने का प्रयास किया- ठीक उसी समय सिपाही मूर्छित हो गया | कुछ देर के पश्चात् बहुत सारी अनुनय विनय के बाद सिपाही को होश आया | इस तरह से पुलिस प्रशासन का अहंकार को दूर किया |


आगे और भी बहुत कुछ है जो अगले अंश में लेकर आपके साथ उपस्थित होंगे ,तब तक के लिए "हर हर महादेव , ॐ नमः शिवाय )

अतः हम सबके उपर इश्वर की कृपा बनी रहे , इसके लिए आवश्यक है की हम स्वयं भी ऐसा ही व्यव्हार करें जिससे इश्वर प्रसन्न हो और हमें सभी प्रकार के सुखों की प्राप्ति हो ताकि दुःख से मुक्ति मिले | इसका एक मात्र उपाय है पूजा | अतः हमें अपने अराध्य देव को प्रसन्न करने के लिए पूजा , अर्चना करनी चाहिए |



Comments :

1
Unknown said...
on 

jai shivshankar bholenaath ki


bhavna kalia

deepak kalia

kalia family (ludhiana) 09780074479

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